लखनऊ :- मंत्रिपरिषद ने सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2025-26 को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह नीति केवल वर्ष 2025-26 के लिए होगी। नीति के तहत स्थानान्तरण दिनांक 25 जून, 2025 तक किये जाएंगे। स्थानान्तरण किये जाने हेतु अवधि के निर्धारण के लिए कट-ऑफ-डेट 31 मार्च, 2025 को माना जाएगा।
नीति में समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के अधिकारी, जो अपने सेवाकाल में सम्बन्धित जनपद में कुल 03 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त जनपदों से स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था है। नीति में यह प्राविधान भी है कि समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाए। विभागाध्यक्ष/मण्डलीय कार्यालयों में की गयी तैनाती की अवधि को स्थानान्तरण हेतु उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा। मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जा सकेंगे।
समूह ‘ग’ हेतु पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैंतालिस-4-2022-(1/3/96) दिनांक 13 मई, 2022 के द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण यथासम्भव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
मन्दित बच्चों/चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां उनकी उचित देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।
नीति में व्यवस्था है कि भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से सम्बन्धित 08 जनपदों-चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच एवं प्रदेश के घोषित 100 आकांक्षी विकासखण्डों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती करके संतृप्त कर दिया जाए एवं 02 वर्ष बाद वहां तैनात कार्मिकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानान्तरित किया जाए।
स्थानान्तरण सत्र के पश्चात समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘ख’ के स्थानान्तरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त कर किये जा सकेंगे।
नीति में समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के अधिकारी, जो अपने सेवाकाल में सम्बन्धित जनपद में कुल 03 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त जनपदों से स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था है। नीति में यह प्राविधान भी है कि समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाए। विभागाध्यक्ष/मण्डलीय कार्यालयों में की गयी तैनाती की अवधि को स्थानान्तरण हेतु उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा। मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जा सकेंगे।
समूह ‘ग’ हेतु पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैंतालि
मन्दित बच्चों/चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां उनकी उचित देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।
नीति में व्यवस्था है कि भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से सम्बन्धित 08 जनपदों-चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच एवं प्रदेश के घोषित 100 आकांक्षी विकासखण्डों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती करके संतृप्त कर दिया जाए एवं 02 वर्ष बाद वहां तैनात कार्मिकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानान्तरित किया जाए।
स्थानान्तरण सत्र के पश्चात समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘ख’ के स्थानान्तरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त कर किये जा सकेंगे।