पाठ्य पुस्तकों पर छपे अधूरे राष्ट्रगान पर बेसिक शिक्षा विभाग ने मांगा जवाब

कौशांबी के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया है कि उनके यहां से मथुरा के मे.शील प्रिंटर्स को पांचवीं के हिंदी विषय की वाटिका पुस्तक की कुल 26553 प्रतियां आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया गया था।

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उत्तर प्रदेश – परिषदीय स्कूलों में वितरित की जा रहीं निशुल्क पाठ्य पुस्तकों में से हिंदी की वाटिका पुस्तक पर अधूरे राष्ट्रगान के मामले को बेसिक शिक्षा निदेशालय ने भी संज्ञान लिया है। पांचवीं की इस पुस्तक में अंतिम पृष्ठ पर प्रकाशित राष्ट्रगान से दो शब्द गायब होने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आरोप लग रहा है कि बंगाल को गायब कर दिया गया। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे प्रिंटिंग त्रुटि बताते हुए प्रकाशक से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही सैंपल की प्रूफ रीडिंग में ढिलाई पर एडी बेसिक आगरा व बीएसए मथुरा को नोटिस जारी किया है। यही नहीं विभाग का कहना है कि किताबें सिर्फ कौशांबी में बांटी गई हैं और सभी किताबें बदली जाएंगी।  इसके बावजूद जांच की जा रही है। यदि कहीं और गड़बड़ी मिलती है तो वहां भी किताबें बदलने आदि की कार्रवाई की जाएगी।

प्रिंटर्न्स को भी कारण बताओ नोटिस जारी

निदेशालय में पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि मामले में जिलों से पूछताछ की गई है। कौशांबी के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह ने बताया है कि उनके यहां से मथुरा के मे.शील प्रिंटर्स को पांचवीं के हिंदी विषय की वाटिका पुस्तक की कुल 26553 प्रतियां आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया गया था। इसमें 25000 पुस्तकों की आपूर्ति की गई। इसी में 15000 पुस्तकें स्कूलों में वितरित हुई थीं, तभी त्रुटि पकड़ में आ गई। इसके बाद 10000 पुस्तकों का वितरण रोक दिया गया। वहीं वितरित हुईं 15000 पुस्तकें वापस मंगा ली गईं। साथ ही शील प्रिंटर्स को सभी पुस्तकें वापस लेकर एक सप्ताह में मानक के अनुरूप पुस्तकें उपलब्ध कराने को कहा गया है। यही नहीं प्रिंटर्स को जारी कारण बताओ नोटिस में एक हफ्ते में तर्क संगत स्पष्टीकरण देने को भी कहा गया है

अधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस

इसके साथ ही पाठ्य पुस्तक अधिकारी के अनुसार चूंकि कोई भी प्रकाशक किताबों की आपूर्ति से पहले सैंपल का प्रूफ अपने जिले जहां उसकी प्रेस स्थित है वहां के अधिकारी को चेक कराता है। इस हिसाब से प्रूफ चेकिंग की जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा दीवान सिंह यादव व मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) आगरा महेश चंद्र की थी, जिसमें ढिलाई बरती गई। इसीलिए उक्त दोनों अधिकारियों को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

 

 

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