भारतीय रेलवे की बेहतरी के लिए केंद्र का फैसलाः रेलवे लैंड पॉलिसी को मिली मंजूर

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नई दिल्ली  – केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पीएम गति शक्ति ढांचे को लागू करने के लिए रेलवे की जमीन को लंबी अवधि के पट्टे पर देने की नीति को मंजूरी दे दी। अब इसके तहत कार्गो टर्मिनलों की स्थापना के लिए 35 साल की अवधि के लिए रेलवे की भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देना संभव हो सकेगा। अगले पांच साल में रेलवे की जमीन पर 300 कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि कार्गो टर्मिनलों की स्थापना के लिए जमीन को पट्टे पर देने के अलावा इन भूखंडों का उपयोग सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से अस्पतालों और स्कूलों जैसे सामाजिक बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए भी किया जाएगा। इसके अलावा रेलवे की जमीन पर सोलर प्लांट भी लगाए जाएंगे।

उन्होंद कहा, नए हितधारकों को भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत पर 35 वर्षो तक के लिए भूमि पट्टे पर दी जाएगी। मौजूदा हितधारक पारदर्शी बोली प्रणाली के माध्यम से इस योजना में भाग ले सकते हैं।

एक सरकारी बयान के अनुसार, इससे बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार केबल, जलमल निपटान, नालियां, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी), पाइपलाइन, सड़क, फ्लाईओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन, शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिताओं के एकीकृत तरीके से विकास में मदद मिलेगी।

बयान के अनुसार, इसका कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। भूमि पट्टे पर देने की नीति को उदार बनाने से सभी हितधारकों/सेवा प्रदाताओं/ऑपरेटरों के लिए ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे । इससे रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो यातायात एवं माल ढुलाई राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी की राह भी बनेगी।

 

इसमें कहा गया है कि ये नीति भूमि के प्रति वर्ष बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए, कार्गो से संबंधित गतिविधियों हेतु रेलवे की भूमि को लंबी अवधि के पट्टे पर प्रदान करने का प्रावधान करती है। इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह योजना लगभग 1.2 लाख नौकरियों को सुनिश्चित करेगी और भारतीय रेलवे को अधिक राजस्व भी दिलाएगी।

 

 

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