चंडीगढ़ :- एक लड़की ही लड़कियों का वीडियो बनाकर किसी युवक को भेज देती है। सवाल इतना सा भी नहीं है कि वीडियो बनाया क्यों गया और किसी को भेजा क्यों गया। बड़ा सवाल यह है कि चंडीगढ़ पुलिस इसे इस तरह दबा रही है जैसे किसी ने उसका वीडियो उतार लिया हो!
हालाँकि यूनिवर्सिटी ने भी कम चालें नहीं चलीं। पहले मीडिया को भगाया। कहा कि यहाँ कुछ नहीं हुआ। दबाव बढ़ा तब बयान लिए। पूछताछ की और जिस पर आरोप लगे थे, उसने हॉस्टल वार्डन के सामने बात क़बूल भी कर ली। यह सब रिपोर्ट पुलिस को दी गई। पुलिस फिर भी कहती रही कि कुछ नहीं हुआ। एक ही वीडियो था। वो भी भेजने वाली खुद का ही।
इनकी जाच होनी चाहिए ?
अब भला किसको बचाया जा रहा है? कौन है जो उस बच्ची पर इस तरह का वीडियो बनाने के लिए दबाव बना रहा था? कौन है जो यूनिवर्सिटी के हॉस्टल कैम्पस में ऐसा जानबूझ कर होने दे रहा था? और कौन है जो ऐसे नाज़ुक मौक़ों पर मोबाइल के इस तरह के इस्तेमाल की इजाज़त दे रहा था? जाँच इस बात की होनी चाहिए।
लड़कियां डर से हास्टल छोडकर अपने घर जा रही है।
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