कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी द्वारा बुलाई गई राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक

•चकबंदी से सम्बंधित वादों के निस्तारण में शिथिलता मिलने पर CO चकबंदी व SOC चकबंदी को जारी किया गया मेमो, वर्तमान माह के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा करने के दिये कड़े निर्देश •राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक के साथ साथ खराब प्रगति वाले विभागों की हर रविवार होगी सप्ताहिक समीक्षा बैठक

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लखनऊ – कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि मासिक समीक्षा बैठक के साथ साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक भी आहूत की जाएगी। उन्होंने बताया कि साप्ताहिक समीक्षा बैठक में उन बिंदुओं की समीक्षा की जाएगी जिनकी प्रगति खराब होगी। प्रत्येक रविवार को उक्त बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की जाएगी।

बैठक की शुरुआत ज़िलाधिकारी द्वारा चकबंदी के लंबित वादों की समीक्षा करते हुए की गई। समीक्षा में पाया गया कि चकबंदी के वादों के निस्तारण की स्थिति अत्यंत खराब है। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा नाराज़गी व्यक्त की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा SOC चकबंदी से 8 ग्रामो की आपत्तियों के सम्बंध में जानकारी मांगी गई। जिसके सम्बन्ध में SOC चकबंदी के द्वारा कोई जानकारी उपलब्ध नही कराई गई। साथ ही DDC चकबंदी बैठक में अनुपस्थित रहे। जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा दोनों अधिकारियों को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही कितनी आपत्तियां आई, उनका किस प्रकार से निस्तारण किया गया, कितनी आपत्तियों के निस्तारण के बाद अपील दायर की गई और कितने प्रकरण निस्तारित किये गए उसकी सूचना कल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

उक्त के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा CO चकबंदी व SOC चकबंदी के कोर्टो में लंबित वादों की समीक्षा की गई। CO चकबंदी व SOC चकबंदी के द्वारा निस्तारित किये गए वादों की संख्या असंतोषजनक पाई गई। ज़िलाधिकारी ने कहा कि SOS की कार्यप्रणाली बहुत ही लापरवाही पूर्ण है प्रतीत होता है के उनके द्वारा कोर्ट का कार्य सही ढंग से नही किया जा रहा है। जिसके लिए CO चकबंदी व SOC चकबंदी को मेमो जारी करते हुए वर्तमान माह का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा कराने के निर्देश दिए। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी उप ज़िलाधिकारी चकबंदी से सम्बंधित कार्यो की मॉनिटरिंग करेगे और CO चकबंदी के कार्यलय का निरीक्षण करना सुनिश्चित करेगे।

उक्त के पश्चात ज़िलाधिकारी द्वारा शिकायती पत्रो के लम्बित सन्दर्भो की समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी द्वारा कहा गया कि जिन पटलों के शिकायत सन्दर्भ लंबित पाए जाएगे तो सम्बन्धित अधिकारियों को मेमो जारी किया जाएगा। संज्ञान में आया कि आर्थिक सहायता के कुछ प्रकरण अभी भी लम्बित है जिसके लिए ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि सभी लम्बित प्रकरणो का निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन IGRS, निवेश मित्र आदि शासन के प्राथमिकता वाले पोर्टलों को कार्यालय आते ही रिव्यू करेगे और लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करते हुए ज़ीरो पेंडेंसी सुनिश्चित करेंगे।

ज़िलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को स्मार्ट वर्क करने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि समाधान दिवसों में मुख्यतः भूमियो पर अतिक्रमण से सम्बंधित शिकायते प्राप्त होती है। जिसके लिए सभी उप ज़िलाधिकारी अपने अपने क्षेत्र अंतर्गत की सरकारी भूमियो सूची अपने पास रखेगे। कृषि भूमियो की पैमाईश के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिन गाटो में एकल खाते है उनकी पैमाइश तुरन्त कराई जाए और संयुक्त खाते वाली भूमियो में सर्वप्रथम कोर्ट से बटवारा कराना सुनिश्चित कराया जाए। साथ ही जितने भी बटवारे से सम्बंधित वाद/विवाद तहसील में चल रहे है। अगले 3 माह में उनको निस्तारित करना सुनिश्चित किया जाए।

समाधान दिवसों के प्रकरणों के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि वर्ष 2021-2022 के सभी समाधान दिवसों के प्रकरणों के निस्तारण का वेरिफिकेशन उपजिलाधिकारियों द्वारा किया जाएगा। वेरिफिकेशन में यदि किसी प्रकरण का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण नही पाया जाता है तो फिर से उस प्रकरण का निस्तारण सुनिश्चित कराया जाएगा। उक्त के पश्चात ज़िलाधिकारी द्वारा सार्वजनिक सम्पत्ति रजिस्टर व भूमि विवाद रजिस्टर की समीक्षा की गई। ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि तहसीलवार समस्त सार्वजनिक भूमियो का ब्यौरा सार्वजनिक सम्पत्ति रजिस्टर में दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए। भूमि विवाद रजिस्टर के सम्बंध में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि भूमि सम्बन्धित विवादों को चिन्हित करके चार श्रेणियों में दर्ज किया जाए।

  1. सरकारी/सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण से सम्बंधित विवाद।
  2. पट्टे पर दी गई भूमियो के विवाद। साथ ही कोर्ट में कितने पट्टे पर दी गई भूमियो से सम्बंधित विवाद चल रहे है उसकी भी सूची बना ली जाए।
  3. कृषि भूमि से सम्बंधित विवाद।
  4. गैर सरकारी भूमि से सम्बंधित विवाद।

ज़िलाधिकारो द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी श्रेणी के विवादों को चिन्हीत करते हुए रजिस्टर बनाना सुनिश्चित किया जाए।

उक्त बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी केपी सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ बिपिन मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रज्ञा पांडेय, समस्त उप ज़िलाधिकारी, समस्त अपर नगर मजिस्ट्रेट, समस्त तहसीलदार व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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