राष्ट्रव्यापी समाजिक आर्थिक प्रतिदर्श सर्वेक्षण -79वें दौरे का उदघाटन हेतु तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशन डिवीज़न), मध्यांचल कार्यालय के उप महानिदेशक डॉ. प्रवीण शुक्ल एवं स्टेट कैपिटल क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ के उप-महानिदेशक श्री सी. एस. मिश्र द्वारा 79वें दौर के समाजिक - आर्थिक सर्वेक्षण हेतु तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का उदघाटन आज दिनांक 15 जून 2022 को होटल विजय पैराडाइस, विकास नगर , लखनऊ में किया गया।

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उत्तर प्रदेश – भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशन डिवीज़न) द्वारा व्यापक वार्षिक मोड्यूलर सर्वेक्षण (सीएएमएस) एवं आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्धा, सोवा-रिग्पा/आमची एवं होम्योपैथी (आयुष) विषयक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया जाना है जिसके लिए क्षेत्र कार्य 1 जुलाई 2022 से आरम्भ होकर 30 जून 2023 तक संपन्न किया जायेगा। इस वृहद एवं विस्तृत सर्वेक्षण के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु तीन दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण शिविर का 15 जून से 17 जून 2022 के दौरान आयोजन किया जा रहा है। भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा जारी covid-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए उक्त शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

श्री सी.एस. मिश्र, उप-महानिदेशक, स्टेट कैपिटल क्षेत्रीय कार्यालय-लखनऊ ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यापक वार्षिक मोड्यूलर सर्वेक्षण तथा आयुष सर्वेक्षण के उद्देश्य एवं महत्व के विषय पर प्रकाश डालते हुए जानकारी दी कि व्यापक वार्षिक मोड्यूलर सर्वेक्षण का प्रारम्भ वर्तमान समय में आवश्यक सामाजिक आर्थिक सूचकांकों के निर्माण के लिए किया जाएगा जो कि अन्य स्रोतों जैसे प्रशासनिक  आंकड़ों के माध्यम से उपलब्ध नहीं हैं।

व्यापक वार्षिक मोड्यूलर सर्वेक्षण में एकत्रित कुछ जानकारी सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) के सूचकों एवं वैश्विक सूचकांको के उप-सूचकों पर आधारित होगी जैसे :

  1. सुरक्षित ढंग से प्रबंधित पेयजल सेवा का प्रयोग करने वाली आबादी का प्रतिशत ।
  2. ऐसे व्यक्तियों का लिंगवार अनुपात जिनके पास मोबाइल है।
  3. ऐसे परिवारों का प्रतिशत जिनके पास कंप्यूटर है।
  4. पिछले तीन महीनों/पिछले 365 दिनों के दौरान इन्टरनेट का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों का प्रतिशत।
  5. ऐसी आबादी का अनुपात जिसकी सार्वजानिक परिवहन तक सुविधाजनक पहुँच है।
  6. पिछले 365 दिन के दौरान अस्पताल में भर्ती होने पर जेब से चिकित्सा व्यय।
  7. ऐसी महिलाओं का प्रतिशत जिनके किसी औपचारिक वित्तीय संस्था में खातें हैं।
  8. स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष इत्यादि।

 श्री मिश्र ने आगे ये भी बताया कि 79वां दौर के सर्वेक्षण में पहली बार राष्ट्रव्यापी आयुष सम्बन्धी जानकारी विस्तृत रूप से निम्नलिखित सूचकों पर एकत्रित की जाएगी :

  1.  ऐसी आबादी का प्रतिशत जो आयुष पद्धति के प्रति जागरूक है।
  2.  ऐसी आबादी का प्रतिशत जो विगत 365 दिन की अवधि में आयुष उपचार लेने के लिए अस्पताल में भर्ती हुई है।
  3. पिछले 365 दिन की अवधि में अस्पताल में भर्ती होने पर आयुष दवाओं/उपचार पर किया गया व्यय।
  4. प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात् देखभाल के लिए आयुष की दवाओं का उपयोग।
  5. रोग/व्याधि जिसके लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
  6. ऐसे लोगों का प्रतिशत जिन्होंने पिछले 365 दिन के दौरान अन्तरंग रोगी के रूप में आयुष की दवाओं का उपयोग करने वाला उपचार लिया है।

श्री मिश्र ने बताया कि यह सर्वेक्षण अंडमान और निकोबार के दुर्गम ग्रामों को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में किया जाएगा।

डॉ.प्रवीण शुक्ल, उप महानिदेशक राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय जो समन्वयक के तौर पर शिविर में उपस्थित थे, अपने संबोधन में आँकड़ो की गुणवत्ता बनाए रखने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि चूँकि यह कार्य सूचना प्रणाली/ सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा एवं आँकड़े सीधे टेबलेट पर एकत्रित किये जायेंगे। अतः अधिकारियों को फील्ड ऑपरेशन के दौरान काफी सजग रहने की आवश्यकता है।

इस प्रशिक्षण में भारत सरकार एवं राज्य सरकार के लगभग 120 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

 

 

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