सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाला उत्तर प्रदेश सचिवालय का निजी सचिव व उसके 02 साथी गिरफ्तार

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लखनऊ :- एस0टी0एफ0, उ0प्र0 को विगत काफी समय से फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सचूनाएं प्राप्त हो रही थी। जिस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमो/इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:-

  1. विजय कुमार मण्डल पुत्र बैजनाथ प्रसाद निवासी म0नं0 551घ/229 घ, नटखेडा रोड,               आलमबाग, थाना कृष्णानगर, लखनऊ।
  2.  धर्मवीर सिंह उर्फ अजय सिंह उर्फ धीरू पुत्र योगेन्द्र सिंह निवासी बरवां द्वारिका, पो0 सिसवां बाजार, थाना कोठीभार, जनपद महाराजगंज हाल-पता प्लाट नं0 106/02 सावित्रीपुरम, न्यू आधारखेडा, थाना गुडम्बा, जनपद लखनऊ।
  3.  आकाश कुमार पुत्र मैनेजर राम निवासी प्लाट नं0 26-27 गली नं0 2 स्वरूप नगर, नियर बीकानेर स्वीट्स, थाना स्वरूप नगर, नार्थ वेस्ट दिल्ली। 110042

अभिसूचना संकलन का कार्य प्रारम्भ किया गया जिस क्रम में ज्ञात हुआ कि नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला एक गिरोह सक्रिय है जिसमें सचिवालय कर्मी विजय कुमार मण्डल व  उसका साथी धर्मवीर सिंह आदि हैं जो बेरोजगार युवकों को बहला फुसलाकर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का कार्य करते हैं और अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं उपरोक्त जानकारी प्राप्त होने पर आज दिनांक 26-07-2022 को ज्ञात हुआ कि विजय कुमार मण्डल दारूलशफा तिराहे पर मौजूद हैं जिससे धर्मवीर व आकाश मिलने आने वाले हैं, यदि शीघ्रता की जाये तो पकडे जा सकते है। इस सूचना पर विश्वास कर निरीक्षक हेमंत भूषण सिंह  के नेतृत्व  उप निरीक्षक तेज बहादुर सिंह मुख्य आरक्षी विनोद कुमार यादव मुख्य आरक्षी कृष्णा कान्त शुक्ल मुख्य आरक्षी हिमांशु शुक्ल आरक्षी आलोक रंजन मु0आ0कमा0 रामकेश आरक्षी चालक कपिलदेव मुखबिर के बताये स्थान से दबिश देकर तीनों व्यक्तियों को अवश्यक बल प्रयोग कर पकड़ लिया जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

विस्तृत पूछताछ पर विजय कुमार मण्डल ने बताया कि मेरी मुलाकात धर्मवीर सिंह से वीवीआईपी गेस्ट हाउस बंदरियाबाग में हुई थी। तभी से हम लोग एक-दूसरे के संपर्क में थे। एक दिन धर्मवीर सिंह ने मुझे बताया कि मैं कुछ लडकों को लेकर आऊंगा। आप उन लडकों को अपने कमरें में बुलाकर उनका इन्टरव्यू लेकर उन्हे भेज दीजिएगा। बाकी उनसे जो रूपये मिलेंगे वह हम लोग आपस में आधे आधे बांट लेगें। चूंकि कुछ वर्ष पहले एक प्रकरण में मेरे ऊपर लगभग 35-40 लाख का कर्ज हो गया है। जिसके कारण मुझे भी रूपयों की जरूरत थी। इसी कारण मै लालच में आकर इस काम के लिए तैयार हो गया।

मेरे द्वारा कई लडकों को अपने आफिस में बुलाकर उनका इन्टरव्यू लिया गया और उनसे रूपये प्राप्त किये गये हैं तथा लड़कों से इन्टरव्यू के बहाने उनसे उनके मूल शैक्षिक अंक-पत्र व प्रमाण-पत्र प्राप्त कर रख लिये जाते थे। ये अभ्यर्थी हम लोगों की शिकायत कहीं न करें व इनसे पूरे रूपये लेने का दबाव बनाने के लिए इनके शैक्षिक अंक-पत्र एवं प्रमाण-पत्र अपने पास रख लेते थे। इन्टरव्यू होने के बाद धर्मवीर मुझे फर्जी नियुक्ति पत्र प्रिंट करवाकर देता था। नियुक्ति-पत्र धर्मवीर सिंह तथा आकाश प्रिंट करवाते थे, नियुक्ति-पत्र का फार्मेट मेरे द्वारा धर्मवीर व आकाश को दिया गया था। इसके अतिरिक्त मैने ही दोनों का सहायक समीक्षा अधिकारी, सचिवालय लखनऊ का आई0डी0 कार्ड भी बनवाया है। जिसे दिखाकर यह लोग लडकों को प्रभावित कर उन्हें इन्टरव्यू के लिए मेरे पास लाते थे।

इन्टरव्यू के बाद मैं धर्मवीर सिंह से प्रिंट किया हुआ नियुक्ति-पत्र मंगवाता था और उस पर साइन (हस्ताक्षर) करके उसे रजिस्ट्री के माध्यम से सम्बन्धित अभ्यर्थी के पते पर भिजवा देता था। आज भी हम लोग इसी फर्जीवाड़े से सम्बंधित बातचीत करने हेतु इकठ्ठा हुए थे कि आप लोगों द्वारा पकड़ लिए गए। उपरोक्त फर्जीवाड़े का संज्ञान इन अभ्यर्थी अभ्यथि्र्यों को तब हुआ जब ये लोग अपना नियुक्ति-पत्र लेकर जॉइनिंग करने सचिवालय आये जहाँ सचिवालय कर्मियों द्वारा बताया गया कि यह नियुक्ति-पत्र फर्जी हैं, इस प्रकार की नियुक्ति से सम्बंधित कोई विज्ञप्ति यहाँ से जारी नहीं की गयी है जिसके बाद इनके द्वारा उपरोक्त फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई गयी थी।

धर्मवीर ने पूछताछ पर बताया कि मैं अपनी पहचान छुपाने के लिए अपना नाम अजय सिंह बताता हूँ। अजय सिंह नाम से मैने फर्जी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व सचिवालय का आई0डी0 कार्ड भी बनवाया है पूर्व के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में पूछने पर बताया कि मेरे खिलाफ हरदोई में थाना कोतवाली देहात में भी एक मुकदमा चल रहा है। जिसमें मेरे खिलाफ वारण्ट निकल चुका है। इस सम्बन्ध में थाना कोतवाली देहात जनपद हरदोई से जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि धर्मवीर सिंह के विरूद्ध थाना कोतवाली देहात में मु0अ0सं0 178/2019 धारा 406, 506, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 भा0द0वि0 पंजीकृत है। जिसमें पुलिस अधीक्षक हरदोई द्वारा इसकी गिरफ़्तारी हेतु रू 10 हजार का इनाम भी  घोषित किया जा चुका है।

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