विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. की 115वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई

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लखनऊ:- कल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. की 115वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक श्री नरेन्द्र भूषण, आई0ए0एस0, प्रमुख सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ0प्र0 शासन एवं महानिदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ.प्र. की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

1-    इस बैठक में कुल 109 शोध प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गयी, जो परिषद द्वारा किसी भी वर्ष में स्वीकृत शोध प्रस्तावों से अधिक है। इन शोध प्रस्तावों पर कुल रू.1409.95 लाख का व्यय भार आयेगा।

 

2-    दिव्यांगजनों हेतु आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श पर आधारित, आई0ओ0टी0 ऑपरेटेड, हेलमेट कन्ट्रोल्ड इलेक्ट्रॉनिक व्हील चेयर विकसित किये जाने के लिये शोध प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। यह कार्य डॉ0 अम्बेडकर इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फार हैण्डीकैप्ड, कानपुर द्वारा किया जायेगा।

 

3-    किसी एक लोकेलटी में एक उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से ज्यादा सौर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, तो उसका उपयोग किसी अन्य उपभोक्ता द्वारा किया जा सके। इस हेतु ब्लॉक चेन, माइक्रो कन्ट्रोलर एवं इण्टरनेट ऑफ थिंग्स पर आधारित सिस्टम विकसित किये जाने हेतु जे0एस0एस0 एकेडमी ऑफ टेक्निकल नोएडा को शोध परियोजना स्वीकृत की गयी।

 

4-    डेस्क वर्कर्स को निरन्तर व लम्बे समय तक कार्य करने पर बैकपैन/स्पान्डलाइटिस इत्यादि की समस्या हो जाती है। इस समस्या से निजात पाने के लिये आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श, मशीन लर्निंग एवं आई0ओ0टी0 पर आधारित रियल टाइम पोश्चर करेक्शन सिस्टम फार डेस्क वर्कर्स को विकसित किये जाने हेतु मोतीलाल नेहरू नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रयागराज को शोध परियोजना स्वीकृत की गयी। पोश्चर गलत होने पर यह सिस्टम डेस्क वर्कर्स को पोश्चर सही करने हेतु वार्निंग देगा।

 

5-    रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा प्लास की खेती को बुन्देलखण्ड के जनजातीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने एवं इसकी उन्नत किस्में उपलब्ध कराने का कार्य किया जायेगा। प्लास का उपयोग कलर बनाने में, दोना-पत्ता बनाने में, दवाई बनाने में, प्लाई बोर्ड आदि में होता है। अतः परियोजना के माध्यम से रोजगार उत्पन्न करने एवं किसानों की आय बढ़ाने में सहायता होगी।

 

6-    रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श के उपयोग एवं ड्रोन की सहायता से ऊर्जा से सम्बन्धित इन्डसट्रीज के एसेट इन्सपेक्शन के कार्य किये जाने हेतु संसाधन विकसित किये जायेगें।

 

7-    किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ द्वारा मशीन लर्निंग पर आधारित मल्टीपैरामीटरिक एम0आर0आई0 मॉड्ल्स विकसित किया जायेगा, जिससे रीनल ट्यूर्मस के आइडेन्टीफिकेशन, क्लासीफिकेशन एवं डायगोनोसिस में सहायता मिलेगी।

 

8-    पान व तम्बाकू के दुष्प्रभावों के कारण होने वाले गले के कैंसर की डायगोनिसिस देर से हो पाती है। आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा एडवांस एंडोस्कोपिक इमेजिंग के माध्यम से पान-तम्बाकू के सेवन के दुष्प्रभावों एवं गले के कैंसर का शीघ्र पता किये जाने हेतु आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्श बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन डेवलेप की जायेगी, जिससे इस घातक बिमारी का ससमय इलाज हो सकेगा एवं कई मरीजो की जान बच सकेगी।

 

9-    परिषद द्वारा वित्त पोषित शोध परियोजनाओं मे कार्य करने वाले रिसर्च स्टाफ की फैलोशिप बढ़ायी गयी। रिसर्च एसिस्टेन्ट की फैलोशिप रू.20,000.00 से बढ़ाकर रू.25000.00, सीनियर रिसर्च एसिस्टेन्ट की फैलोशिप रू.22,000.00 से बढ़ाकर रू.28000.00 की गयी।

 

10-   कार्यकारिणी समिति द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों विशेषकर आकांक्षी जनपदों, बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल के पिछड़े जनपदों में भी शोध कार्य कराये जाने का सुझाव दिया गया।

 

11-   इसरो द्वारा स्पेस के क्षेत्र में चन्द्रयान-3, आदित्य एल-1 एवं गगनयान मिशन इत्यादि का कार्य सफलतापूर्वक करते हुए भारत को एक अग्रणी स्पेस शक्ति के तौर पर स्थापित किया है। इस क्षेत्र में उ0प्र0 के विद्यार्थियों में रूचि बढ़ाने के लिये इसरो के साथ समन्व्यय स्थापित कर टीचर्स व स्टूडेन्ट्स के लिए दो दिवसीय वर्कशाप आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

 

12-   जनसमस्याओं के समाधान हेतु कम पढ़े-लिखे, कृषक, शिल्पकार इत्यादियों द्वारा छोटे-छोटे उपकरण/तकनीक इत्यादि विकसित किये जाते हैं। परिषद द्वारा इन नवप्रर्वतकों के चिन्हीकरण एवं प्रोत्साहन हेतु प्रदेश के 50 जनपदों में जन जागरूकता एवं नव प्रवर्तन प्रदर्शनी का आयोजन कराये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया।

 

13-   परिषद द्वारा शोध प्रस्ताव के आमंत्रण के समय अपकमिंग क्षेत्रों जैसे- ब्लाक चेन, 3डी प्रिन्टिंग का मेडिकल के क्षेत्र में योगदान, क्वांटम कम्प्यूटिंग, आई0ओ0टी0, डाक्यूमेन्टेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, 5 जी व 6 जी टेक्नोलॉजीस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश, ड्रोन, मशीन लर्निंग, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण, कृषि तकनीकों, गैर पारम्परिक ऊर्जा तथा स्पेस साइंस इत्यादि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ऐसे शोध प्रस्ताव आमंत्रित किये जायें जो सीधे जनसमस्याओं के समाधान से सम्बन्धित हों।

 

14-   विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता प्रारम्भ करायी गयी। इस योजना के अर्न्तगत कक्षा-9 से 12 तक के विद्यार्थी जनपद स्तरीय एवं मण्डल स्तरीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। प्रत्येक मण्डल से चार विजेताओं को राज्य स्तरीय मॉडल प्रतियोगिता में प्रतिभागिता का अवसर प्रदान कराया जाता है। कार्यकारिणी समिति द्वारा यह प्रतियोगिता प्रत्येक वर्ष कराये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया।

 

15-   इन्जीनियरिंग स्टूडेन्ट प्रोजेक्ट ग्राण्ट स्कीम में जिन विद्यार्थियों द्वारा प्रोजेक्ट से सम्बन्धित कार्य का शोध पत्र प्रकाशित कराया जायेगा उन्हें अधिकतम रू.20,000/- की प्रोत्साहन राशि दिये जाने पर स्वीकृति प्रदान की गयी।

 

16-   परिषद कार्यकारिणी समिति द्वारा एग्रीकल्चर एण्ड एलाइड सेक्टर की 15, केमिकल साइंसेज की 11, इन्वायरमेन्टर साइंस की 9, मेडिकल साइंस की 13, फार्मा की 6, फिजिकल साइंस की 12, इनफारमेशन टेक्लोलॉजी की 10, इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी की 15 एवं जैव प्रौद्योगिकी की 18 शोध परियोजनाओं पर स्वीकृति प्रदान की गयी।

 

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव अवस्थापना आयोग, अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग, प्रमुख सचिव, नियोजन विभाग, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग, कुलपति, ए0के0टी0यू0 लखनऊ, निदेशक, एस0जी0पी0जी0आई0, निदेशक, डॉ0 राम मनोहर लोहिया, आर्युविज्ञान संस्थान, निदेशक, केन्द्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान, निदेशक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के प्रतिनिधियों एवं निदेशक तथा सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 द्वारा प्रतिभागिता की गयी।

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